युवा कांग्रेस का सड़क जाम, भूपेश ने किया समर्थन, विजय शर्मा ने ठहराया जिम्मेदार — सोशल मीडिया पर गरमाया छत्तीसगढ़
कवर्धा, 5 जुलाई।
कवर्धा में रायपुर-जबलपुर नेशनल हाईवे से जुड़ने वाली बाईपास सड़क की बदहाल हालत पर जनता का गुस्सा अब सड़कों से होते हुए सियासी गलियारों में गरजने लगा है। जर्जर सड़क पर युवा कांग्रेस ने शनिवार को जोरदार प्रदर्शन कर चक्काजाम कर दिया, तो वहीं इसी मुद्दे पर डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच सोशल मीडिया पर तीखी जंग छिड़ गई है।

सड़क की सियासत: प्रदर्शन और समर्थन
शहर के बाहरी हिस्से में स्थित कवर्धा बाईपास इन दिनों कीचड़, गड्ढे और जाम की वजह से सुर्खियों में है। सड़क चौड़ीकरण का काम कुछ महीने पहले शुरू हुआ था, लेकिन बारिश की मार से काम बीच में ही ठप हो गया। शनिवार को युवा कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और बाईपास को जाम कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदर्शन का वीडियो शेयर करते हुए लिखा—
“यह सिर्फ सड़क की लड़ाई नहीं है, यह हक की लड़ाई है। युवा साथी बधाई के पात्र हैं।”
गृह मंत्री ने शेयर किया नंबर, ठहराया जिम्मेदार
इसी बीच, गृह मंत्री विजय शर्मा ने हाल ही में सोशल मीडिया पर घुसपैठियों से जुड़ी जानकारी देने के लिए एक टोल-फ्री नंबर जारी किया था। इसी पोस्ट पर एक यूजर ने कमेंट करते हुए पूछा —
“अगर सड़क खराब हो तो शिकायत कहां करें?”
जवाब में गृह मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मोबाइल नंबर सार्वजनिक करते हुए लिखा —
“यही जिम्मेदार हैं।”
इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। कांग्रेस नेताओं ने इसे असंवैधानिक और अमर्यादित बताया।
भूपेश का तीखा पलटवार
भूपेश बघेल ने गृह मंत्री की पोस्ट पर पलटवार करते हुए लिखा —
“जब काम नहीं हो पा रहा हो तो कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। जनता के सवालों से भागना समाधान नहीं है।”
इसके साथ ही उन्होंने सड़क निर्माण कार्य में लापरवाही और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।
सियासी तापमान चरम पर
विजय शर्मा और भूपेश बघेल की सोशल मीडिया भिड़ंत ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया ताप पैदा कर दिया है। एक ओर सत्तापक्ष जवाबी हमले में जुटा है, वहीं विपक्ष जनता से जुड़े इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा।
जनता का सवाल — जवाब कौन देगा?
सवाल वही है जिससे यह पूरी बहस शुरू हुई — “अगर सड़क खराब हो तो शिकायत कहां करें?”
और जवाब में मिली दो नेताओं की तकरार।
कवर्धा की सड़क अब सिर्फ एक विकास कार्य नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की मौजूदा राजनीतिक दिशा का प्रतीक बन चुकी है।